खुदा की मोहब्बत को फनाह कौन करेगा,
सभी बन्दे नेक हों तो गुनाह कौन करेगा।
ऐ खुदा मेरे दोस्तों को सलामत रखना,
वरना मेरी सलामती की दुआ कौन करेगा।
और रखना मेरे दुश्मनों को भी महफूज़,
वरना मेरी तेरे पास आने की दुआ कौन करेगा।
Category: poetry / shayari / lyrics
On friendship and reasons
बेवजह है तभी तो दोस्ती है।
वजह होती तो साजिश होती।
Bewajah hai tabhi to dosti hai
Wajah hoti to sajish hoti
— Heer 🌸 (@nikkupikku) August 6, 2017
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं
मैं यादों का किस्सा खोलूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं,
मैं गुजरे पल को सोचूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
अब जाने कौन सी नगरी में, आबाद हैं जाकर मुद्दत से,
मैं देर रात तक जागूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
कुछ बातें थीं फूलों जैसी, कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मैं शहर-ए-चमन में टहलूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
सबकी जिंदगी बदल गयी, एक नए सिरे में ढल गयी,
किसी को नौकरी से फुरसत नहीं, किसी को दोस्तों की जरुरत नहीं,
कोई पढने में डूबा है किसी की दो दो महबूबा हैं,
सारे यार गुम हो गये हैं तू से आप और तुम हो गये हैं,
मैं गुजरे पल को सोचूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
On wishes and necessities
सहम सी गईं हैं ख्वाहिशें
ज़रूरतों ने शायद उनसे ऊंची आवाज़ में बात की होगी
Deep. pic.twitter.com/BqVHAJDlY2
— Ankita Suri (@ankitaasurii) June 21, 2017
On being a traveller
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मगर अब ना मैं अपने घर का रहा
सफर का ही था मैं, सफर का रहाइधर का ही हूं ना उधर का रहा
सफर का ही था मैं, सफर का रहा
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शहर शहर फुर्सतों को बेचता रहा
खाली हाथ जाता, खाली लौटता रहा
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ये उम्र, वक़्त, रास्ता…गुज़रता रहा
सफर का ही था मैं, सफर का रहाइधर का ही हूं ना उधर का रहा
सफर का ही था मैं, सफर का रहा
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Magar ab na main apne ghar ka raha
Safar ka hi tha main safar ka rahaIdhar ka hi hoon na udhar ka raha
Safar ka hi tha main safar ka raha
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Shehar shehar fursaton ko bechta hoon
Khaali haath jaata khaali laut.ta hoon
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Ye umr, waqt, raasta…guzarta raha
Safar ka hi tha main safar ka rahaIdhar ka hi hoon na udhar ka raha
Safar ka hi tha main safar ka raha