वक्त सोने का था..
यादें जाग उठीं….
वक्त सोने का था..
यादें जाग उठीं….
— Heer 🌸 (@nikkupikku) January 18, 2017
वक्त सोने का था..
यादें जाग उठीं….
वक्त सोने का था..
यादें जाग उठीं….
— Heer 🌸 (@nikkupikku) January 18, 2017
रिश्ते पुराने होते हैं
पर मायका पुराना नही होता
जब भी जाओ …..कलश भर कर पानी का
नजर उतारी जाती है
अलाय बलायें टल जाये
यह दुआयें मांगी जाती हैं
यहां वहां बचपन के कतरे बिखरे होते है
कही हंसी कही खुशी कही आंसू सिमटे होते हैं
बचपन की गीलासी ….कटोरी ….
खाने का स्वाद बडा देते हैं
अलबम की तस्वीरें
कई किस्से याद दिला देते हैं
सामान कितना भी समेटू
कुछ ना कुछ छूट जाता है
सब ध्यान से रख लेना
हीदायत पापा की ….कैसे कहूं सामान तो नही
पर दिल का एक हिस्सा यही छूट जाता है
आते वकत माँ आँचल मेवे से भर देती हैं
खुश रहना कह कर अपने आँचल मे भर लेती है ….
आ जाती हूं मुस्करा कर मैं भी
कुछ ना कुछ छोड कर अपना
रिश्ते पुराने होते हैं
जाने क्योँ मायका पुराना नही होता
उस देहरी को छोडना हर बार ….आसान नही होता
Good sayings collected from What’s up messages
रब ने नवाजा हमें जिंदगी देकर;
और हम शौहरत मांगते रह गये;
जिंदगी गुजार दी शौहरत के पीछे;
फिर जीने की मौहलत मांगते रह गये।
जो गया वो गया जो आएगा देखा जाएगा
जो हुआ हो गया होना है जो वो हो जाएगा
ना तू किसी मंज़िल में ना आने वाले कल में
सारे जहाँ की सारी ख़ुशी है यहाँ अभी इसी पल में
Jo Gaya Woh Gaya
Jo Aayega Dekha Jayega
Hey Jo hua Ho Gaya
Hona Hai Jo Woh Jayega
Na Tu Kisi Manzil Mein
Na Aane Wale Kal Mein
Saare Jahan Ki Sari Khushi Hai
Yaha Abhi Isi Pal Mein
आहिस्ता चल ज़िन्दगी, अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है,
कुछ दर्द मिटाना बाकी है, कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है;
रफ्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए, कुछ छूट गए;
रूठों को मनाना बाकी है, रोतों को हंसाना बाकी है;
कुछ हसरतें अभी अधूरी है, कुछ काम भी और ज़रूरी हैं;
ख्वाइशें जो घुट गयीं इस दिल में, उनको दफनाना अभी बाकी है;
कुछ रिश्ते बनके टूट गए, कुछ जुड़ते जुड़ते छूट गए;
उन टूटे-छूटे रिश्तों के ज़ख्मों को मिटाना बाकी है;
तू आगे चल मैं आता हूँ, क्या छोड़ तुझे जी पाऊंगा?
इन साँसों पर हक है जिनका, उनको समझाना बाकी है;
आहिस्ता चल जिंदगी, अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है।