मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूँ तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने
चल मै बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर
– गुलज़ार
हिंदी कहानिया, काम की बातें : वफ़ा साबित कर (गुलज़ार)
मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूँ तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने
चल मै बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर
– गुलज़ार
हिंदी कहानिया, काम की बातें : वफ़ा साबित कर (गुलज़ार)
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में तुझे वक़्त ही नहीं दे पा रहे हम,
माफ करना ऐ ज़िंदगी तुझे जी नहीं पा रहे हम..!!
मौत तू एक कविता है
मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको
डूबती नब्जों में जब दर्द को नींद आने लगे
ज़र्द सा चेहरा लिए चाँद उफ़क़ तक पहुंचे
दिन अभी पानी में हो
रात किनारे के करीब
न अँधेरा न उजाला हो
न अभी रात न दिन
जिस्म जब ख़त्म हो
और रूह को जब सांस आये
मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको ||
Source: आनंद मरा नहीं, आनंद मरते नहीं ! | Dangling Contemplations…
First they came for the Socialists, and I did not speak out—
Because I was not a Socialist.
Then they came for the Trade Unionists, and I did not speak out—
Because I was not a Trade Unionist.
Then they came for the Jews, and I did not speak out—
Because I was not a Jew.
Then they came for me—and there was no one left to speak for me.
लफ़्जों के इत्तेफाक में…
युँ बदलाव करके देख…
तु देखकर ना मुस्कुरा…
बस मुस्कुरा के देख…
Source: बस मुस्कुरा के देख..