On Serenity

उन्हें कामयाबी में सुकून नजर आया

तो वो दौड़ते गए,

हमें सुकून में कामयाबी दिखी

तो हम ठहर गए…!

 

ख़्वाईशो के बोझ में बशर

तू क्या क्या कर रहा है..

इतना तो जीना भी नहीं

जितना तू मर रहा है…

Source: A beautiful​ couplet by the Urdu Poet Bashar | Sajeel Sud’s Blog

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