जिन्दगी की दौड़ में,
तजुर्बा कच्चा ही रह गया…
हम सिख न पाये ‘फरेब’
और दिल बच्चा ही रह गया..
जिन्दगी की दौड़ में,
तजुर्बा कच्चा ही रह गया…
हम सिख न पाये 'फरेब'
और दिल बच्चा ही रह गया..— Hasna Zaroori Hai (@HasnaZarooriHai) December 6, 2016
जिन्दगी की दौड़ में,
तजुर्बा कच्चा ही रह गया…
हम सिख न पाये ‘फरेब’
और दिल बच्चा ही रह गया..
जिन्दगी की दौड़ में,
तजुर्बा कच्चा ही रह गया…
हम सिख न पाये 'फरेब'
और दिल बच्चा ही रह गया..— Hasna Zaroori Hai (@HasnaZarooriHai) December 6, 2016