IZHAAR…

वादें इरादे इश्क मुश्क की बातें,
मेरी निगाह से तेरी निगाह तक…
हर दिल में खुशबू की सौगातें,
मेरी पनाह से तेरी पनाह तक….

Source: IZHAAR…

ਕੁਝ ਉਂਝ ਵੀ ਰਾਹਵਾਂ ਔਖੀਆਂ ਸਨ

ਕੁਝ ਉਂਝ ਵੀ ਰਾਹਵਾਂ ਔਖੀਆਂ ਸਨ
ਕੁਝ ਗਲੇ ਵਿੱਚ ਗ਼ਮਾਂ ਦਾ ਤੌਕ਼ ਵੀ ਸੀ
ਕੁਝ ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਲੋਕ ਵੀ ਜ਼ਾਲਿਮ ਸਨ
ਕੁਝ ਸਾਨੂੰ ਮਰਨ ਦਾ ਸ਼ੌਕ਼ ਵੀ ਸੀ
– ਮੁਨੀਰ ਨਿਆਜ਼ੀ

Source: kujh unj vi rahwan aukhiaN san | ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਪਰਛਾਂਵੇ…

कवि – अंकित मिश्रा

जब सोता है जहान ये सारातब कही कोई जगता है
होता है कुछ कहने को आतुरपर लब गुमसुम सा रहता है
शब्द उमड़ते हैं मन मेंसार नहीं कोई बनता है
सुनते हैं बस सादे पन्नेकोई नहीं जब सुनता है
दर्द उतरने लगता है इनपरएक कारवां चल पड़ता है
भरने लगता है गलामोती सा बह चलता हैद
ेता है फिर वो एक नाम इन्हेंजिसे हर कोई कविता कहता है।

Source: (dead link – http://sahityamanjari.com/kavi.html#.VUcOw1WqpBc) कवि – अंकित मिश्रा

on life and death

दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है.

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