वो श्वेत वस्त्र कि श्वेता थी,
वो चन्द्रमुखी सुरबाला थी।
वही हर्षिता वही दर्शिता,
नयनों में छलकती हाला थी।
इक दो बूँद नही,
वो पूरी मधुशाला थी।
कैसे करता मैं प्रणय निवेदन,
मै भिक्षुक वो रानी थी।
अल्प समय का अल्प मिलन था आधी प्रेम कहानी थी॥
Source: Shayari, Jokes, Ghazals, Quotes……………. everything: Alp samay ka alp milan….