बाबू मोशाय ..हमारी मुश्किल मालूम है क्या है …हम आने वाले गम को खीच तान कर आज की ख़ुशी पर ले आते हैं… और उस ख़ुशी में ज़हर घोल देते हैं ||
Source: आनंद मरा नहीं, आनंद मरते नहीं ! | Dangling Contemplations…
बाबू मोशाय ..हमारी मुश्किल मालूम है क्या है …हम आने वाले गम को खीच तान कर आज की ख़ुशी पर ले आते हैं… और उस ख़ुशी में ज़हर घोल देते हैं ||
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